
चार सूत्रीय मांगों को लेकर कांकेर में आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सहायिका संघ ने एक दिवसीय धरना प्रदर्शन किया। इसमें शामिल होने जिले भर से कार्यकर्ता, सहायिका पहुंचे थे तथा अपनी मांगों को लेकर जमकर नारेबाजी की। संघ पदाधिकारियों ने कहा यदि शीघ्र उनकी मांगें पूरी नहीं हुई तो वे अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चली जाएंगी।
22 दिसंबर को आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, सहायिका संघ ने काम बंद कर जिला मुख्यालय पहुंचकर सुबह 10 बजे से धरना प्रदर्शन शुरू किया जो शाम 4 बजे तक चला। 3 बजे आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, सहायिका संघ ने अपनी मांगों को लेकर प्रशासन को ज्ञापन भी सौंपा।
चार सूत्रीय मांगों में प्रमुख है : आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सहायिकाओं को शासकीय कर्मचारी घोषित किया जाए। उनकी मांग है सुपरवाइजर पद पर बाहर से भर्ती नहीं कर आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को वरिष्ठता के आधार पर प्राथमिकता दी जाए। मध्यप्रदेश की तरह कार्यकर्ताओं सहायिका को सुविधाएं दी जाएं। मिनी आंगनबाड़ी कार्यकर्ता को पूर्णकालिक का दर्जा दिया जाए।
3.30 बजे तक केंद्र खोलने का दबाव
आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, सहायिकाओं में इस बात को लेकर नाराजगी है कि कोरोना संक्रमण के दौर में भी आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, सहायिका को पहले की तरह 3.30 बजे तक आंगनबाड़ी का संचालन करने दबाव डाल रहे हैं। संघ पदाधिकारियों का कहना है शासन का कोई आदेश नहीं आया है फिर भी उन्हें 3.30 बजे तक आंगनबाड़ी खोलने कहा जाता है। आंगनबाड़ कार्यकर्ता, सहायिका संघ जिलाध्यक्ष जयश्री राजपूत ने कहा कि चार सूत्रीय मांगों को लेकर 2 वर्ष पहले 56 दिन तक लगातार प्रदर्शन किया था फिर भी मांगें पूरी नहीं हुई है। प्रदर्शन में कलेश्वरी दुर्गे, अलोपा पटेल, कुमारबती कोड़ोपी, हेमलता साहू, सोनाय उसेंडी, रमुला बाई, पीलाबाई शामिल हुई।
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