
बीते तीन दिनों से पटवारी अपनी मांगों को लेकर धरने पर बैठे हुए हैं। अपनी 9 सूत्रीय मांगों को लेकर धरने पर बैठे पटवारियों ने बेमियादी हड़ताल छेड़ दी है। ऐसे में राजस्व विभाग के जुड़े कामकाज प्रभावित हो रहे हैं। इन दिनों चल रही धान खरीदी में सबसे ज्यादा असर पटवारियों की हड़ताल का पड़ रहा है। किसानों को रकबों का संशोधन करवाना है, लेकिन पटवारी हड़ताल पर बैठे हुए हैं, जिसके चलते उनके काम ही नहीं हो पा रहे हैं।
ऐसे में किसान अपने रकबे से ली गई फसल बेच भी नहीं पा रहे हैं। इसके अलावा दूसरे कई तरह के काम भी लंबित हो गए हैं, जिसके लिए लोगों को चक्कर काटने पड़ रहे हैं। बताया जाता है कि बस्तर जिले में 151 पटवारी हैं। रकबा संशोधन के साथ ही डिजिटल साइन, रजिस्ट्री में पटवारी की सहमति, आय-जाति व निवास प्रमाण पत्र सहित राजस्व विभाग से जुड़े सभी काम ठप हो गए हैं।
धरने पर बैठकर दोहरा रहे मांगें, जब तक नहीं होती पूरी, जारी रहेगी हड़ताल
मालूम हो कि राजस्व पटवारी संघ ने तहसील दफ्तर के सामने हड़ताल की है। बीते तीन दिनों से चल रही हड़ताल के दौरान वे लगातार अपनी मांगों को दोहरा रहे हैं। उन्होंने कहा है कि जब तक उनकी मांगों को पूरा नहीं किया जाता, तब तक हड़ताल जारी रहेगी। इनमें भुईंया की समस्या और इसके समाधान के साथ ही वरिष्ठता के आधार पर पदोन्नति देने, बिना विभागीय जांच के पटवारियों पर एफआईआर दर्ज न करने, टीए फिक्स करने, स्टेशनरी भत्ता देने, नक्सली भत्ता देने, मुख्यालय निवास की बाध्यता खत्म करने, अतिरिक्त प्रभार के हल्के का भत्ता और वेतन विसंगति दूर करने की मांग की है। इस दौरान संघ के अध्यक्ष तेजप्रकाश पांडे, उदयभान सिंह चौहान, सुरेश सिंह, आशीष सुता, अजय पाठक, अनिल मिश्रा आदि थे।
Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
from Dainik Bhaskar https://ift.tt/2KFvtsw
No comments:
Post a Comment