
किन्नू के लिए मशहूर अबोहर क्षेत्र के बागवानों को फसल का सही रेट न मिलने के कारण लगातार दूसरे सीजन किन्नू खेतों और सड़कों पर ही सड़ रहे हैं। किसान आंदोलन के कारण अबोहर का किन्नू बाहर नहीं जा रहा। जिसके कारण क्षेत्र में सर्दी के किन्नू का भाव बहुत कम हैं।
बागवान सुधीर कुमार, अंकित कुमार, सुशील कुमार ने बताया कि किन्नू का भाव पिछले सीज की तरह 5 रुपए से लेकर अधिकतम 8 रुपए तक बिक रहा है। इसीलिए किन्नू बागवानों को बेहद मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। बागवानों ने बताया कि किन्नू का फल अब पूरे पकाव पर है और मंडियों में जाने के लिए तैयार है। इसी वक्त का किसानों को इंतजार रहता है, मगर भाव अच्छे ना मिलने के कारण और खरीद न होने के कारण किन्नू का फल काफी गिर रहा है। जिसके चलते किसानों को या तो उसे सड़कों पर फेंकना पड़ता है या फिर जमीन में दबाना पड़ता है जिसके चलते किसानों का काफी खर्च हो रहा है। इसलिए बागवानों द्वारा सरकार से किन्नू का उचित दाम देने की मांग की है ताकि उन्हें अपने किन्नू को ऐसे ही न फेंकना पड़े।
दिल्ली में फल न जाने के कारण रेट कम है : ठेकेदार
उत्तर प्रदेश के ठेकेदार अमित कुमार ने बताया कि पिछली बार कोरोना काल के चलते लॉकडाउन में किन्नू की अच्छी खरीद नहीं हुई थी और इस बार दिल्ली बंद होने के चलते रेट अच्छा नहीं मिल रहा और गाड़ियों का खर्चा पूरा नहीं हो रहा।
किन्नू का फिक्स रेट हो : बागवान
बागवानों ने कहा कि अबोहर में किन्नू का बहुत बड़ा रकबा है पर उन्हें अच्छा दाम नहीं मिलता है। इसलिए सरकार को चाहिए कि किन्नू का रेट फिक्स करे, ताकि उन्हें वाजिब दाम मिल सके। किन्नू को ग्रेडिंग के हिसाब से खरीदा जाता है, इसलिए इसका फिक्स दाम हो।
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