
भारत-पाक सीमा के पास बह रही अस्पाल ड्रेन में बह रहे सीवरेज युक्त पानी में मछलियां पकड़कर लोगों को परोसी जा रही हैं किंतु उक्त मछली सेवन करने वाले लोग विभिन्न प्रकार की बीमारियों के शिकार हो सकते हैं।
फाजिल्का क्षेत्र के सरहदी क्षेत्रों से गुजरने वाली अस्पाल ड्रेन इन दिनों पंजाब के आधा दर्जन शहरों के सीवरेज युक्त पानी से लबालब है क्योंकि पाकिस्तान अपने क्षेत्र में गंदे पानी की निकासी रोक देता है। इस कारण यह पानी फाजिल्का क्षेत्र में जमा हो जाता है जिस बाबत शहर के युवा उद्यमी विक्रम आहूजा द्वारा नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल में एक याचिका भी दायर कर रखी है तथा फाजिल्का के किसानों द्वारा कई बार विरोध भी जताया चुका है क्योंकि अस्पाल ड्रेन में उक्त गंदा पानी जमा होने से फाजिल्का क्षेत्र का भूजल भी खराब हो रहा है। अस्पाल ड्रेन में पानी जमा होने के कारण इसमें इन दिनों मछलियों की भारी आमद हो रही है।
कोरोना ने मछलियां पकड़ने को किया मजबूर : मछुआरा
मछुआरे छिंदर सिंह से कहा कि कोरोना से निर्माण कार्य बंद होने होने के कारण उन्हें घर का खर्चा चलाना मुश्किल हो गया था। इस कारण मजबूरन में ड्रेन से मछलियां पकड़कर बाजार में बेचकर अपने परिवार का गुजारा चला रहे हैं।
इससे बीमार होने का खतरा : विशेषज्ञ
जिला अस्पताल में तैनात सर्जरी रोग विशेषज्ञ डॉ. अर्पित गुप्ता का कहना था कि गंदे पानी से पकड़ी गई मछलियों का सेवन करने से फूड पायजनिंग, डायरिया व कई पेट की बीमारियां होने का खतरा रहता है इसलिए लोग गंदे पानी से पकड़ी मछलियों का सेवन न करें।
फूड एंड सेफ्टी अधिकारी करें कार्रवाई
समाजसेवी रजिंदर गगनेजा, विशाल कामरा, नरेश जुनेजा ने जिले के फूड एंड सेफ्टी विभाग से मामले का संज्ञान लेकर मछली मार्केट में बिकने वाली गंदे पानी से पकड़ी गई मछलियों संबंधी कार्रवाई करनी चाहिए ताकि जाने-अंजाने में जो लोग इसका सेवन कर रहे हैं उनको बचाया जा सके।
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