
भानुप्रतापपुर के साथ अन्य गांवों में रह रहे नक्सली पीड़ित परिवारों ने जिला मुख्यालय पहुंचकर शासकीय नौकरी दिलाने सहित अन्य सुविधाएं उपलब्ध कराने की मांग को लेकर जिला प्रशासन व पुलिस प्रशासन को ज्ञापन सौंपा।
10 दिसंबर को भानुप्रतापपुर से 150 नक्सली पीड़ित परिवार जिला मुख्यालय पहुंचे और अपनी मांगों को लेकर ज्ञापन सौंपा। इसमें सभी परिवारों की अपनी अलग- अलग मांग है। पीड़ित परिवारों ने कहा वे अपना घर, कृषि भूमि अपने मूल गांव में छोड़कर आ गए हैं। इसका लाभ मिलना चाहिए। कई परिवार ने पुलिस विभाग में आरक्षक के पद पर नौकरी दिलाए जाने की मांग की। राजनांदगांव के धीरेंद्र साहू व विजय गुप्ता के नेतृत्व में सभी नक्सली पीड़ित परिवार जिला मुख्यालय पहुंचे और ज्ञापन सौंपा।
कई योजनाएं, मगर लाभ नहीं मिलता
राजनादगांव से नक्सली पीड़ित परिवार के साथ पहुंचे विजय गुप्ता, धीरेंद्र साहू ने कहा वे भी नक्सली पीड़ित परिवार में आते है। उन्हें भी योजना की जानकारी नहीं थी। उन्होंने सूचना के अधिकार में जानकारी निकाला है। पहले अपने राजनांदगांव के पीड़ित परिवार को योजना का लाभ पहुंचाया। फिर कांकेर जिला में यहां पर नक्सली पीड़ित परिवार को लाभ पहुंचाने के लिए पहुंचे हैं। शासन से बहुत सारे योजना का लाभ नक्सली पीड़ित परिवार को मिलना रहता है, लेकिन योजना की जानकारी के अभाव में लाभ नहीं ले पाते हैं।
बेटी के लिए मांगी जमीन
ग्राम मेंडरा निवासी धरमूराम पोटाई की हत्या नक्सलियों ने 15 फरवरी 2019 में कर दी थी। इसके बाद धरमूराम की पत्नी और उसके चार बच्चे दूसरे जगह पर आकर रह रहे हैं। इसके चलते उसे अपना 10 एकड़ कृषि भूमि भी छोड़ना पड़ा। जगमोतीन अपनी 19 वर्षीय पुत्री के लिए जमीन की मांग कर रही है। जगमोतीन का कहना है कि सिर्फ 4 लाख मिल पाया है, लेकिन अभी तक शासकीय नौकरी नहीं मिल पाया है। अगस्त 2019 में ग्राम जुमड़ा के श्याम नाथ की हत्या नक्सलियों ने कर दी थी। इसके बाद पूरा परिवार भानुप्रतापपुर में आकर रह रहा है। परिजनों की शिकायत है कि उन्होंने गांव में अपनी जमीन छोड़ दी और पूरा परिवार अब भानुप्रतापपुर में आकर किराए के मकान में रह रहा है।
Download Dainik Bhaskar App to read Latest Hindi News Today
from Dainik Bhaskar https://ift.tt/3oLgMmp
No comments:
Post a Comment