
शिरोमणि अकाली दल प्रधान, राज्य के पूर्व उपमुख्यमंत्री व फिरोजपुर के सांसद सुखबीर सिंह बादल ने बुधवार को ये स्पष्ट किया है कि अब चाहे केंद्र सरकार कृषि कानून को रद्द भी कर दे तो भी अकाली दल का भाजपा के साथ कोई समझौता नहीं हो सकता। अब तो ताउम्र दोनों राजनीतिक दलों के रास्ते अलग-अलग रहेंगे क्योंकि भाजपा ने अकाली दल ही नहीं पूरे पंजाब की पीठ पर जो छुरा घोंपा है।
उन्होंने कहा कि 2022 में उनकी सरकार बनते ही 2017 से 2021 तक पंजाब में हुए 1000 करोड़ रुपए के मनरेगा घोटाले की जांच करवाई जाएगी। शिरोमणि अकाली दल के अध्यक्ष ने कहा कि कांग्रेस के विधायकों ने मनरेगा के तहत किए गए काल्पनिक कार्यों को दिखाकर अपनी जेबें भरी थी तथा जो पैसा नागरिक कार्यों के लिए आया था उसका भी दुरूपयोग किया गया।
उन्होंने कहा कि इतना ज्यादा घोटाला किया गया कि कुछ विधायकों और कांग्रेसी नेताओं ने तो इंटर लाॅकिंग टाइलों की फैक्ट्रियों को खोल दिया। जिसे अकाली सरकार आते ही जांच करने के बाद दोषी पाए जाने पर बंद करवाया जाएगा।
सीनियर लीडरशिप को वर्करों के साथ फोटो खिंचवाने के लिए मंच से उतारा
उनका फोक्स केवल और केवल वर्करों की नाराजगी को दूर करके संगठन को मजबूत करने का दिखाई दे रहा है। इसलिए तो बुधवार को पंजाब पैलेस में पूर्व विधायक प्रकाश सिंह भट्टी द्वारा रखवाए गए कार्यकर्ताओं से मुलाकात करने वाले कार्यक्रम में सुखबीर ने सीनियर लीडरशिप को औपचारिक रूप से स्टेज से उतारा, उन्होंने बाकायदा माइक पर बोला कि नीचे बैठा हर कार्यकर्ता उनके साथ फोटो करवा के जाए। इतना ही नहीं हर बार की तरह इस बार भी सुखबीर ने मंच से उस स्टूडियो का नाम भी बताया, जिसके छायाकार कार्यक्रम को कैमरे में कैद करने के लिए आए हुए थे
किसानों का साथ देने से शिअद पीछे नहीं हटेगा
बादल ने कहा कि सबसे पहले तो वह प्रधानमंत्री मोदी से अपील करते हैं कि इस कानून को तुरंत रद्द करवाएं और अगर वो ऐसा नहीं करते तो किसानों के संघर्ष में साथ देने से शिअद पीछे नहीं हटेगा। अब चाहे केंद्र सरकार तीनों कृषि कानून रद्द भी कर दे, तो भी उनकी पार्टी का भाजपा के साथ रिश्ता नहीं बन पाएगा।
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