
दंतेवाड़ा के तीन प्रतिभावान छात्रों का डॉक्टर बनने का सपना अब साकार हो सकेगा। बालक आवासीय विद्यालय बालूद और कन्या आवासीय विद्यालय कारली के इन तीनों छात्र-छात्राओं को जयपुर के निजी मेडिकल कॉलेज जेएनयू इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेस एण्ड रिसर्च सेंटर में सरकारी खर्चे पर प्रवेश दिलाया गया है। इनके प्रवेश के लिए एक करोड़ 36 लाख 74 हजार रुपए फीस दंतेवाड़ा के जिला प्रशासन ने जमा कर दी है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की संवेदनशील पहल से पहली बार छात्र-छात्राओं को निजी कॉलेज में सरकारी खर्चे पर एमबीबीएस की पढ़ाई करने के लिए मदद दी जा रही है। नीट-2020 क्वालिफाई कर चुके इन छात्र-छात्राओं का तकनीकी त्रुटि के कारण एमबीबीएस कोर्स के लिए स्टेट काउंसिलिंग में रजिस्ट्रेशन नहीं हो पाया था। नतीजा वे मेडिकल कॉलेज में प्रवेश लेने से वंचित रह गए। मुख्यमंत्री को जैसे ही इसकी जानकारी मिली, उन्होंने दंतेवाड़ा जिला प्रशासन को इनका निजी मेडिकल कॉलेज में सरकारी खर्चे पर नामांकन कराने का आदेश दिया। इसी के बाद जिला प्रशासन ने सुधीर कुमार रजक, जयंत कुमार और कुमारी ऐश्वर्या नाग के नामांकन की प्रक्रिया शुरू की। फिलहाल एमबीबीएस कोर्स की इनकी फीस 3 करोड़ 32 लाख 25 हजार रुपए में से 1 करोड़ 36 लाख 74 हजार रुपए जमा करा दिए गए हैं।
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