
जिले में कोरोनावायरस के मरीजों की संख्या में काफी कमी आई है। मरीज कम होने से सिविल अस्पताल का एक आइसोलेशन वार्ड बंद कर दिया गया है जबकि शहर में अभी सिर्फ एक ही मरीज निजी अस्पताल में वेंटीलेटर पर है। वहीं, मंगलवार को संक्रमण के 23 नए मामले सामने आए हैं, जिनमें से 3 लोग जिले के बाहर रहने वाले हैं। अब तक कोरोना के कुल संक्रमित मरीजों की संख्या 20039 पर पहुंच गई है। जबकि मंगलवार को कोरोनावायरस के इलाज के दौरान किसी भी मरीज की मौत नहीं हुई है। वहीं, जिले में कोरोनावायरस की वैक्सीन का ड्राई रन 8 जनवरी को किया जाएगा।
मंगलवार को सेहत विभाग चंडीगढ़ की तरफ से प्रदेश के सभी सिविल सर्जनों को आठ जनवरी को कोरोनावायरस की वैक्सीन को लेकर सेंटरों में ड्राई रन करने के लिए कहा गया है। जिला टीकाकरण अफसर डॉ. राकेश कुमार चोपड़ा का कहना है कि आने वाले दिनों में दो से तीन सेंटरों में वैक्सीन के ड्राई रन के लिए टीमें तैनात कर पूरी रिहर्सल होगी। इसके बाद जहां कोई कमी होगी, उसे फाइनल वैक्सीन प्रोग्राम से पहले सुचारू ढंग से लागू भी किया जाएगा। अब तक जिले में कोरोना से दम तोड़ने वालों की गिनती 647 है।
कोरोना के एक्टिव मरीज 276, होम-आइसोलेट 182, लेवल-2 और 3 में 76, अब तक 647 की जा चुकी जान
सेहत विभाग की रिपोर्ट के अनुसार मंगलवार तक जिले में कोरोनावायरस के कुल एक्टिव मरीजों की संख्या 276 है। इनमें से 182 लोग घरों में होम आइसोलेट हैं और सेहत विभाग के कर्मचारियों के संपर्क में हैं। विभाग की रिपोर्ट के मुताबिक शहर के प्राइवेट अस्पतालों में बने लेवल-2 के वार्डों में 37 और लेवल-3 के बेडों पर 39 मरीज दाखिल हैं, जिनकी कुल गिनती 76 है। इनमें से 23 मरीज अॉक्सीजन स्पोर्ट पर है। रिपोर्ट के मुताबिक अधिकतर लोग जो अस्पतालों में दाखिल हैं, वे 50 साल से ऊपर 85 फीसदी हैं। जबकि 35 से 50 साल के उम्र के 15 फीसदी ही है। वहीं शहर के प्राइवेट अस्पताल में 1 मरीज वेंटिलेटर पर दाखिल है। बता दें कि जिले में कोरोनावायरस के इलाज के लिए 56 प्राइवेट अस्पताल सूचीबद्ध हैं। इन अस्पतालों के डॉक्टरों का कहना है िक अब पहले के मुकाबले अस्पताल में गंभीर अवस्था में मरीज अस्पताल में कम पहुंच रहे हैं लेकिन बुजुर्गों को सांस लेने में दिक्कत के साथ शरीर में जकड़न की समस्या आ रही है।
बैकअप के लिए अभी 100 बेड-जिले में कोरोनावायरस के संक्रमित मरीजों की संख्या में जहां कमी आ रही है, वहीं रोजाना सेहत विभाग की टीमों की तरफ से लिए जा रहे सैंपल्स पर 2 से 3 फीसदी लोगों को ही संक्रमण की पुष्टि हो रही है। इनमें भी अधिकतर लोग 40 साल से अधिक उम्र के लोग ही संक्रमित निकल रहे हैं। जबकि अस्पताल में दाखिल होने वाले मरीजों की संख्या 2 से 4 फीसदी ही है। जिन्हें दाखिल किया जा रहा है, उनमें सांस की समस्या या फिर कोमोरबिड मरीज ही हैं। दूसरी तरफ सिविल अस्पताल प्रशासन की तरफ से अस्पताल में लेवल-2 के मरीज न आने के कारण लेवल-2 के लिए बनाया गया टीबी वार्ड बंद कर दिया गया है। अस्पताल की एमएस डॉ. परमिंदर कौर का कहना है कि अगर अस्पताल में कोई लेवल-2 का मरीज आता है तो उसे वार्ड में दाखिल करने के लिए पूरे इंतजाम हैं। इसके अलावा अस्पताल में लेवल-2 के मरीजों के लिए 100 बेड बैकअप के लिए मौजूद है।
सांस लेने में दिक्कत है तो बुखार का इंतजार न करें, चेक करवाएं
सिविल अस्पताल के सीनियर मेडिकल अफसर एनेस्थेटिक और लेवल-3 के इंचार्ज डॉ. परमजीत सिंह का कहना है कि कोरोनावायरस का स्ट्रेन कम हुआ है लेकिन इन दिनों जहां मौसम में बदलाव हो रहा है और मरीजों को सांस लेने में दिक्कत भी हो रही है। लोग कोरोनावायरस का टेस्ट नहीं करवा रहे क्योंकि वे सोचते हैं कि उन्हें बुखार नहीं हुआ तो उन्हें कोविड नहीं हो सकता है। इसके चलते डॉक्टरी जांच ही नहीं करवा रहे। स्टेट के डेटा देखें तो सांस में दिक्कत के मामले भी बढ़े हैं। इसलिए लोगों को अपना टेस्ट करवाना चाहिए।
क्योंकि चेस्ट में इंफेक्शन और फेफड़ों में संक्रमण के कारण अॉक्सीजन स्तर गिर सकता है। इसका तुरंत इलाज जरूरी है। हालांकि एेसे हालात में मरीज को कोविड भी हो सकता है और वो भी बिना बुखार के। अगर किसी मरीज को शुगर, ब्लड प्रेशर या कोई अन्य पुरानी बीमारी है तो उन्हें सतर्क रहना चाहिए। अगर जरूत पड़े तो घर में इलाज की बजाय डॉक्टर के पास जाना चाहिए।
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