
टाउनशिप में घर-घर कलेक्शन करने वाले ठेका श्रमिकों को काम से निकाले जाने के मामले में उनके द्वारा आमरण अनशन शुरू कर दिया गया था। इसके पांचवें दिन श्रमिकों को बड़ी राहत मिली। जिला प्रशासन के हस्तक्षेप के बाद प्रबंधन ने ठेकेदार पर कार्रवाई करते हुए श्रमिकों को दोबारा काम शुरू होने पर वापस रखने का आश्वासन दिया है।
सफाई कर्मियों के पैसा वसूली के आरोप के बाद आमरण अनशन पर जाने पर ठेका एजेंसी अनुराग इलेक्ट्रिकल पर कार्यवाही करते हुए उसका ठेका खत्म किया जा रहा है। साथ ही वर्तमान में गार्बेज का कार्य निगम को दिए जाने कमिश्नर को पत्र लिखा गया है। प्रबंधन ने कहा कि एक या दो दिन गार्बेज का कार्य बंद हो सकता है, क्योंकि ठेकेदार पर कार्यवाही की गई है। इसलिए गार्बेज का कार्य जैसे ही शुरू होता है तमाम लोगों को यथावत रखा जाएगा।
गहमागहमी के बीच बना समझौता पत्र: शनिवार को भी सेक्टर-9 हास्पिटल चौक के पास ठेका श्रमिक धरने पर बैठे थे। आश्वासन के बाद उन्होंने प्रदर्शन समाप्त किया। इस दौरान 2 से 3 घंटे चले गहमा गहमी के बाद एक समझौता पत्र बना, जिसमें प्रबधन, यूनियन प्रतिनिधि व प्रशासन ने भी अपना हस्ताक्षर किया।
5 महिलाओं की तबीयत खराब होने के बाद तुरंत एक्शन
जानकारी के अनुसार क्रमिक अनशन के तहत श्रमिक प्रदर्शन कर रहे थे। इस दौरान 5 महिला श्रमिक की तबीयत खराब होने से खलबली मच गई। स्वास्थ्य विभाग की जांच के बाद रिपोर्ट भेजी गई। इसके बाद प्रबंधन और प्रशासन हरकत में आया। बी एसपी प्रबंधन को त्वरित हल निकालने कहा गया।
जिसके बाद सीजीएम पीके घोष, जीएम सूरज सोनी, ठेका प्रकोष्ठ से प्रसाद, तहसीलदार जयेंद्र सिंह, प्रदेश कांग्रेस महासचिव समेत यूनियन के पदाधिकारी मौके पर पहुंचे। गहमागहमी के माहौल के बीच समझौता पत्र बना।
श्रमिकों ने किसी और टेंडर में काम देने की शर्त काे ठुकराया
मौके पर प्रबंधन ने किसी और टेंडर में अनशनकारी 26 मजदूरों को काम देने से का प्रस्ताव रखा, जिसे साफ तौर से नकार दिया गया और यथावत उसी कार्य मे मजदूरों को कार्य पर रखने पर अड़े रहे। जिस पर प्रबंधन ने साफ किया कि गार्बेज का कार्य 1 से 2 दिन बंद रहेगा, जिस भी एजेंसी को काम दिया जाएगा 26 को यथावत गार्बेज के कार्य में रखा जाएगा। इसके बाद अनशनकारियों ने अपना आंदोलन खत्म किया। सीजीएम घोष, सिसोदिया आदि ने नारियल पानी पिलाकर अनशन खत्म करवाया।
एजेंसी पहले ही हो चुकी है सस्पेंड दोबारा ठेका होने के आसार
उक्त ठेकेदार ने ठेका हासिल करने के लिए फर्जी दस्तावेज का उपयोग किया। इसके लिए टाउनशिप प्रबंधन पहले ही ठेके को सस्पेंड कर चुकी है। चूंकि काम अत्यावश्यक सेवा में आता है, इसलिए उससे काम लिया जा रहा था।
आज जब प्रबंधन ने जिला प्रशासन को कार्रवाई की जानकारी दी, उससे लगता है कि ठेका दाेबारा हो सकता है। अब देखने वाली बात है कि नया ठेका बीएसपी प्रबंधन करेगा, या निगम। मौके पर इरफान खान, हिंदुस्तान इस्पात ठेका श्रमिक यूनियन सीटू से योगेश सोनी, जमील अहमद आदि मौजूद थे।
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