किसानों से धान का दाना-दान खरीदने का दावा करने वाली भूपेश सरकार ने पहले तो गिरदावरी के नाम पर हजारों किसानों का रकबा कम कर दिया और अब धान खरीदी केन्द्रों में बोरियों की व्यवस्था नहीं कर पा रही है। जशपुर जिले में ही किसानों को कई खरीदी केन्द्रों में जो बोरियां दी जा रही है उसमें से अधिकांश बोरियां फटी हुई निकल रही है। किसान बोरियां बदलने के चक्कर में कई बार चक्कर काट रहे हैं। धान बेचना अब किसानों के लिए आसान काम नहीं रह गया है। यह बातें भाजयुमो के प्रदेश कार्यसमिति के सदस्य नितिन राय ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए कही।
श्री राय ने कहा कि 25 सौ रुपए धान खरीदने का वादा कर किसानों का भरोसा जीतने वाली सरकार अब किसानों को परेशान कर रही है। धान बेचने के लिए किसानों को पहले तो टोकन के लिए घंटों लाइन लगाना पड़ रहा है और उसके बाद जब वे धान लेकर आ रहे हैं तो किसानों को बोरियां ही नहीं मिल पा रही है। छत्तीसगढ़ देश की एकमात्र ऐसी सरकार है जो ना तो किसानों का पूरा धान खरीद रही है और ना ही राशि का एकमुश्त भुगतान कर पा रही है। किश्त-किश्त में किसानों को पैसे दिए जा रहे हैं और इस किश्त की राशि निकालने के लिए एक ही बैंक में किसानों को लाइन लगानी पड़ रही है। जशपुर जिले में अपेक्स बैंक की सिर्फ एक ही शाखा है और जिले भर के किसानों को हर बार किश्त डलने के बाद यहां पहुंचकर लाइन लगानी पड़ रही है। किसान परेशान हो चुके हैं और समितियों में धान ना बेचकर औने-पौने दाम पर गांव के सेठ साहूकारों को धान बेचने पर मजबूर है। श्री राय ने कहा कि यदि व्यवस्था में जल्द सुधार नहीं होता है तो भाजयुमो द्वारा किसानों के हित में आंदोलन शुरू किया जाएगा।
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