
लाल ईंट बनाने पर प्रतिबंध के बावजूद दंतेवाड़ा जिला मुख्यालय के पास दर्जनों ईंट भट्टे लगाए जा रहे हैं। फुलनार में बाहर से मजदूर लाकर ईंट बनाई जा रही है, परिवार के साथ मजदूरी करने पहुंचे लोगों के साथ यहां 12 से 14 साल के नाबालिग बच्चों से भी काम लिया जा रहा है।
जिला मुख्यालय के साथ जिले के कटेकल्याण, कुआकोंडा ब्लाक में भी लाल ईंट बनने का काम जोरों पर चल रहा है। बड़ी तादाद में जिले में अवैध रूप से ईंट बनाने का काम जोरों पर चल रहा है लेकिन इसकी जानकारी माइनिंग विभाग को नहीं है। जिले में हर साल सैकड़ों ईंट भट्टे लगते हैं लेकिन विभाग द्वारा इन पर कभी कोई कार्रवाई नहीं की जाती है।
ईंट पकाने होती है पेड़ों की कटाई
दंतेवाड़ा में जहां ईंट पकाने कोयले और भूसा का इस्तेमाल किया जाता है वहीं कटेकल्याण, कुआकोंडा में ईंट पकाने के लिए बड़ी तादाद में पेड़ों की कटाई की जाती है। बीते 5 सालों में माइनिंग विभाग या वन अमले द्वारा ईंट कारोबारियों पर कोई कार्रवाई नहीं की गई है। जिला माइनिंग अधिकारी योगेश सिंह ने कहा कि लाल ईंट बनाने पर प्रतिबंध है जिले में जहां भी ईंट बन रहे होंगे, वहां कार्रवाई की जाएगी। रेंजर अशोक सोनवानी ने कहा पेड़ों की कटाई करने वालों पर कार्रवाई होगी, सभी क्षेत्र में कर्मचारियों की टीम रोज घूम रही है।
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